जी, आप इतिहास के सबक के बारे में बात करना चाहते है, तो मैंने जो सबक लिए वो बता हूं। (जी, मैं सबक की ही बात कर रहा हूं, सनक की नही।)
पहला, इतिहास को कहानी की तरह अध्यन कीजिए, याद होगा, समझ भी आएगा। वरना इतिहास बड़ा बोझिल महसूस होगा।
दूसरा सबक, इतिहास पड़ने के लिए साहब इतिहास की कहानीओं में अपने आस पास के चरित्रों को ले जाईये, या फिर खुद को उन कहानीओं में सोचना शुरू कीजिए, देखिए आप को कितनी जल्दी इतिहास याद होगा।
तीसरा सबक, इतिहास को रट्टा लगाने के लिए कई कई बार पड़ें, हो सकता हैं अच्छी तरह याद हो जाए ।
चौथा सबक, इतिहास के नाम पर बनती फिल्म देखिए और फिल्म देखते देकते अपने किताब की सोचिए कि दोनों में फरक सिर्फ उन्नीस बीस का है या फिर ज़मींन आसमान का ।
पांचवा और आखरी सबक, फिर भी अगर इतिहास याद न कर पाएं, या उसमे नंबर न ला पाएं, तो अपना विषय ही बदल लीजिए।
अब डाक्टर बाबू ने तो कहा नहीं कि इतिहास नहीं पढ़ेंगे तो भाई फलाना होगा डिमकाना होगा।
तो कुछ और सहज पढ़ाई कर लो भाई,
इतिहास की फिल्में देख लेना।
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