होकर मायूस न यूँ
शाम की तरह ढलते रहिये।
जिंदगी एक भोर भी है
सूरज की तरह निकलते रहिये..!
ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे
धीरे धीरे ही सही मगर
लक्ष्य की ओर चलते रहिये..!
अपने दिल में जो है
उसे कहने का साहस रखिए,
दूसरों के दिल में जो है
उसे समझने की कला रखिए।
और अगर यह सब है आपका
तो रिश्ते कभी टूटेंगे नहीं..!
सच्चा प्रयास कभी
निष्फल नहीं होता..!
लम्बी छलांगों से
कहीं बेहतर है..,
निरंतर बढ़ते वो कदम
जो एक दिन आपको
मंज़िल तक ले जाएंगे..!
जिन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है..,
आसान बनाने के लिए समझना पड़ता है..!
अपना स्वभाव कुछ ऐसा तराशिये
जो लेकर जाना है,
उसको लेकर चलते रहिए ।
और जो यहीं रह जाना है
उसको जोड़ा, तो भी उसे उभरते रहिए।
जिंदगी के पथ पर
चलते रहिए, चलते रहिए।
अनुप मुखर्जी "सागर"
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