शुभ जन्म दिन, श्री कृष्ण




श्री कृष्ण, आज जन्म दिवस तुम्हारा
शुभ दिन हो यह विश्व में हमारा।

गोकुल त्यागा तुमने कृष्ण,
अधर्म से मुक्त किया मथुरा,
धरा की रक्षा हेतु तुमने ही,
सुदर्शन चक्र उंगली पर धरा।

अनंत क्षमा अन्याय है, 
यह तुमने समझाया, अपनाया;
सौ अपराधों के उपरांत तो, 
शिशुपाल का वध उचित, दिखाया।

धर्म की रक्षा हेतु आभिर्भाव तुम्हारा,
अधर्म-अन्याय, नहीं चरित्र तुम्हारा।

बांसुरी छोड़ी, गोकुल छोड़ा, 
यमुना से भी दूर गए, 
गैया छोड़ी, माखन छोड़ा। 
शस्त्र उठाया, शास्त्र बताया
धर्म रक्षा का पथ कर्त्तव्य,
यही सिखाया, कभी न छोड़ा।  

समझ पाऊं तुम्हारा ज्ञान,
पार्थ समकक्ष नहीं मैं, 
फिर भी मिले कोई ज्ञान किरण,
मुक्ति पथ चलूँ, हर क्षण। 
 
शस्त्र न उठाऊँ स्वार्थ सिद्धि को,
इतना ही वरदान करो, 
आत्म रक्षार्थ साहस बुद्धि हो, 
इतना केवल दान करो। 

लज्जित न हूं अपने कर्म से, 
लेकिन भय को जीत सकूँ 
साहस इतना दान करो,
दुष्ट से शिष्ट की रक्षा करूँ ।


आशीष दो, हे कृष्ण, हे विष्णु,
अजन्मे, अचर, अजर, सर्व व्याप्त,  
माया, मोह, लोभ से मुक्त रहूँ ,
विद्या दो इतनी हमें पर्याप्त। 

सृष्टिकर्ता तुम मेरे, आभारी सदैव रहूँ ,
इस पृथ्वी की यात्रा के अंत में,
आश्रय तुम ही, तुम में विलीन रहूँ ।

शुभ जन्म दिन, कृष्ण रूप में,
पर तुम जन्म से परे, पहचानूँ ।

अनूप मुखर्जी "सागर"

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Know Thyself. Only You know yourself through you internal Potency