परछाई को चीर दिया

 






इंसान ने प्रकृति को चीर दिया
धरती ने इंसान को धारण किया
इंसान ने धरती को ही चीर दिया।
रेगिस्तान, पर्वत, सागर नदियां,
सीमाएं बनाई प्रकृति ने,
इंसानों ने अपनी सीमाएं खींची,
और सब कुछ चीर दिया।

और आज हमने अपनी ही
परछाई को जब देखा, खुद
देखा, महसूस किया, सोचा,
अब तो मेरी परछाई को ही,
दुनिया ने बुरी तरह से,
आखिर चीर ही दिया।

अनूप मुखर्जी "सागर"


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