जिंदगी, मेरे घर आना





जिंदगी, तू तो हमेशा साथ रही
फिर भी दूर क्यों रही।
तूने हमें क्या दिया जिंदगी,
शिकवा की इंतहा हो गई।
वापस अब आना जिंदगी,
मुस्कुराहटें जो खो गई राहों में
चंद वो लम्हे साथ लेते आना।
वक्त जो कड़वे हुए शक के जहर से
उस वक्त को मोड़ लाना, शहद से।

मौत का दिन तो मयस्सर है ही,
उससे पहले तू भी आना जिंदगी।

बहुत हुई यह दौड़ की उलझन
साथ अपने लाना थोड़ी जिंदगी,
थोड़ा यकीन, थोड़ा बचपन,
थोड़ा आशीर्वाद, थोड़ी दिल्लगी।

जिंदगी, मेरे घर अब आना जरूर।
और मौत से पहले न जाना हुजूर।


1 comment:

  1. जिंदगी जरूर घर आयेगी। बहुत खूब 👍👍

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