(हरियाणा के गुरुग्राम में घाटी एक घटना मेरी सोच। एक महिला ने अचानक कुछ लड़किओं के पहनावे पर आपत्ति जताई और आस पास के लड़कों को बुलाकर कहने लगी की उन लड़को को चाहिए कि वे इन लड़किओं का बलात्कार करे। )
मैं कई बड़े लोगों की नीचाई से वाक़िफ़ हूँ
बहुत मुश्किल है दुनिया मैं बड़े होकर बड़ा होना।
लज्जा आती है इनको इक्कीसवीं शताब्दी में देख कर
जरुरी है एक पीढ़ी को इनके सामने उठ कर खड़े होना।
किशोरी के पैर देख कर इन प्रौढ़ मानुषों को है दिल जलता
या शायद जलन निकालते है, दिखाते खुद का असमर्थ होना।
अपनी नाभि से नीचे उतरते साड़ी का बंधन नज़र न आये
और श्राप देते बलात्कार का, देखकर स्कर्ट का पहनना।
रुमाल जितने कपड़े से बने पीठ दर्शाता ब्लाउज इनका संस्कार
और श्राप देते बलात्कार का किशोरी का देख शर्ट पहनना।
लज्जित हूँ मैं, और शायद लज्जित है आप भी,
घटित होते देख कर ऐसी घटना।
आइये उठे हम सब, मिले कंधे से कंधा,
शर्मिंदा करे ऐसी सोच को,
फिर ना सहे कोई ऐसे वेदना,
फिर न हो कोई ऐसी घटना।
अनूप मुख़र्जी
मैं कई बड़े लोगों की नीचाई से वाक़िफ़ हूँ
बहुत मुश्किल है दुनिया मैं बड़े होकर बड़ा होना।
लज्जा आती है इनको इक्कीसवीं शताब्दी में देख कर
जरुरी है एक पीढ़ी को इनके सामने उठ कर खड़े होना।
किशोरी के पैर देख कर इन प्रौढ़ मानुषों को है दिल जलता
या शायद जलन निकालते है, दिखाते खुद का असमर्थ होना।
अपनी नाभि से नीचे उतरते साड़ी का बंधन नज़र न आये
और श्राप देते बलात्कार का, देखकर स्कर्ट का पहनना।
रुमाल जितने कपड़े से बने पीठ दर्शाता ब्लाउज इनका संस्कार
और श्राप देते बलात्कार का किशोरी का देख शर्ट पहनना।
लज्जित हूँ मैं, और शायद लज्जित है आप भी,
घटित होते देख कर ऐसी घटना।
आइये उठे हम सब, मिले कंधे से कंधा,
शर्मिंदा करे ऐसी सोच को,
फिर ना सहे कोई ऐसे वेदना,
फिर न हो कोई ऐसी घटना।
अनूप मुख़र्जी
Really good one
ReplyDeleteIt is really the need of the hour
ReplyDeleteTruly!! So thoughtful
ReplyDeleteFor most of the people, the incident was only a news. Girls, who work their living, know they face this, calmly, without raising the voice. But my brother, you raised your voice. Hope, it becomes louder enough to change the Society. At least you took the mantle.
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